इंसुलिन का ज्यादा होना भी खतरनाक, डायबिटीज के साथ इसका कॉम्बिनेशन घातक! लापरवाही से परेशानी


इंसुलिन का ज्यादा होना भी खतरनाक, डायबिटीज के साथ इसका कॉम्बिनेशन घातक! लापरवाही से परेशानी

हाइलाइट्स

हाई इंसुलिन की स्थिति में डायबिटीज हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है.
डायबिटीज में हाई इंसुलिन की समस्या है तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं.

High Insulin Effects on Body: डायबिटीज की बीमारी आज दुनिया को परेशान कर रखी है. करीब 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को डायबिटीज है. हम सब जानते हैं कि डायबिटीज की बीमारी तब होती है जब पैंक्रियाज से इंसुलिन के उत्पादन में गड़बड़ी होने लगती है. डायबिटीज में खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. इसका कारण है कि शुगर को पचाने वाला इंसुलिन हार्मोन कई वजहों से कम बनता है या बनता ही नहीं है या बनने के बावजूद काम नहीं करता. यानी सीधा सा मतलब है कि इंसुलिन कम बनता है तो डायबिटीज की बीमारी होती है. लेकिन जरा सोचिए, अगर इंसुलिन ज्यादा बनने लगे तो इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है. जब शरीर में ज्यादा इंसुलिन बनने लगे तो इसे हाइपरइंसुलिनेमिया कहते हैं.

ज्यादा इंसुलिन क्यों बनता

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक सामान्य तौर पर इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है. इंसुलिन रेजिस्टेंस का मतलब है कि इंसुलिन बनता तो है लेकिन शरीर के मसल्स, फैट और लिवर इसे इंसुलिन के रूप में ग्रहण ही नहीं करते. इसलिए इंसुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है. अगर इंसुलिन रेजिस्टेंस ज्यादा दिनों के लिए हो जाए तो इससे टाइप 2 डायबिटीज होना तय है.

ज्यादा इंसुलिन के कारण

अब सवाल है कि ज्यादा इंसुलिन बनता ही क्यों हैं. मायो क्लिनिक के मुताबिक इंसुलिन रेजिस्टेंस के अलावा इंसुलिन के ज्यादा होने के मुख्य रूप से इसके दो कारण हैं. जब पैंक्रियाज में इंसुलिन उत्पादन करने वाली कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होने लगती है तब इंसुलिन का उत्पादन भी बढ़ जाता है. वहीं जब इन कोशिकाओं में कोई दुर्लभ ट्यूमर हो जाए तो भी इंसुलिन का उत्पादन बढ़ जाता है. दोनों ही स्थिति खतरनाक है.

इंसुलिन का शरीर पर प्रभाव

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक अगर शरीर में ज्यादा इंसुलिन हो जाए तो इससे मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी हो सकती है. वहीं इससे ट्राईग्लिसेराइड्स और यूरिक एसिड का लेवल भी बढ़ जाता है. साथ ही आर्टरीज बहुत हार्ड होने लगती है.

खतरनाक क्यों

हाई इंसुलिन की स्थिति में डायबिटीज हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है. यदि डायबिटीज की बीमारी में हाई इंसुलिन की समस्या है तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं. अगर यह ट्यूमर के कारण हो रहा है तो इस ट्यूमर के कैंसर में बदलने की भी आशंका रहती है. वहीं पैंक्रियाज सेल्स के अनियमित ग्रोथ भी खतरे की घंटी है. इस स्थिति में बेहतर यह है कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. हालांकि इसमें यह जानना जरूरी है कि हाई इंसुलिन को पहचाने कैसे.

हाई इंसुलिन के संकेत

    • 1. बगल, बैक और गर्दन के साइड की स्किन जब डार्क हो जाए तो इसे मामूली नहीं समझना चाहिए. यह हाई इंसुलिन के संकेत हो सकते हैं.
    • 2. इस स्थिति में स्किन का ग्रोथ सही से नहीं होता है.
    • 3. आंखों में रेडनेस बहुत होता है जो डायबेटिक रेटिनोपैथी है.
    • 4. बहुत अधिक प्यास लगती है.
    • 5. बहुत जल्दी-जल्दी पेशाब होता है.
    • 6. बहुत तेज भूख लगती है.
    • 7. आंखों से कम दिखाई देता है.
    • 8. वेजाइनल और स्किन इंफेक्शन ज्यादा होने लगता है.
    • 9. घाव जल्दी नहीं भरता है.
    • 10. सिर में दर्द रहता है.

 

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